Class 10th Social Science Geography (भूगोल) Ch. 1 Resources and Development (संसाधन एवं विकास) Hindi medium NCERT Solution

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प्रश्न 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न


(i) लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?
(क) नवीकरण योग्य      (ख) प्रवाह
(ग) जैव                     (घ) अनवीकरण योग्य
उत्तरः (घ) अनवीकरण योग्य।


(ii) ज्वारीय ऊर्जा निम्नलिखित में से किस प्रकार का
संसाधन है?
(क) पुनः पूर्ति योग्य     (ख) अजैव
(ग) मानवकृत.           (घ) अचक्रीय
उत्तरः (क) पुनः पूर्ति योग्य।


(iii) पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्नलिखित में से
मुख्य कारण क्या है?
(क) गहन खेती    (ख) अधिक सिंचाई
(ग) वनोन्मूलन    (घ) अति पशुचारण
उत्तरः (ख) अधिक सिंचाई।


(iv) निम्नलिखित में से किस प्रांत में सीढ़ीदार
 (सोपानी) खेती की जाती है?
(क) पंजाब (ख) उत्तर प्रदेश के मैदान
(ग) हरियाणा (घ) उत्तरांचल
उत्तरः घ) उत्तरांचल (अब उत्तराखंड)

(v) इनमें से किस राज्य में काली मृदा पाई जाती है?
(क) जम्मू और कश्मीर     (ख) राजस्थान
(ग) गुजरात।                 (घ) झारखंड
उत्तरः (ग) गुजरात।


प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।


(i) तीन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ काली मृदा पाई
जाती है? इस पर मुख्य रूप से कौन सी फसल
उगाई जाती है?

उत्तरः काली मृदा निम्नलिखित राज्यों में पाई जाती है:-
(i) महाराष्ट्र (ii) मध्य प्रदेश (iii) गुजरात
काली मृदा पर मुख्य रूप से कपास की फसल उगाई जाती है।


(ii) पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मृदा पाई जाती है? इस प्रकार की मदा की तीन‌ 
मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तरः पूर्वी तट के नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मृदा पाई जाती है।
जलोढ़ मृदा की तीन मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :-
 (i) यह सबसे अधिक उपजाऊ मृदा है।
(ii) अधिक उपजाऊ होने के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है। इसलिए यहांं जनसंख्या का घनत्व भी अधिक हैं।
(iii) इस मृदा में पोटाश, फॉसफोरिक  और चूना की अधिक मात्रा मौजूद रहती है जो विभिन्न प्रकार के
फसलों के उगाने के लिए अत्यावश्यक है।


(iii) पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए
'क्या कदम उठाने चाहिए?

उत्तरः पहाड़ी क्षेत्र में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए
निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए -
(क) सोपान कृषि (सीढ़ीनुमा खेत) मृदा अपरदन को नियंत्रित करती हैं।
(ख) फसलों के बीच में घास की पट्टियों को उगाया जाता है, ये पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर  करती है।
(ग) पेड़ों को कतारों में लगाकर रक्षक मेखला (shelter belt) बनाकर भी पवनों की गति को कम किया जाता हैं।


(iv) जैव और अजैव, संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दीजिए।

उत्तरः जैव संसाधन :- इन संसाधनों की प्राप्ति जीवमंडल से होती है और इनमें जीवन व्याप्त रहता है।
 उदाहरण - मनुष्य, प्राणिजात, पेड़-पौधे इत्यादि।

अजैव संसाधन :- इस प्रकार के संसाधन निर्जीव होते हैं यानि इनमें जीवन व्याप्त नहीं रहता है। 
उदाहरण - धातुएँ और चट्टानें।


प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए।


(i) भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें। वर्ष
1960-61 के अंतर्गत इस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई, इसका क्या कारण है?

उत्तरः वर्तमान में भारत में भूमि उपयोग प्रारूप निम्नलिखित था:-
भूमि उपयोग प्रारूप
प्रतिशत
(i) वन
 (ii) बंजर और कृषि अयोग्य भूमि
(iii) कृषि योग्य बंजर भूमि
(iv) वर्तमान परती-
(v) परती भूमि के अतिरिक्त अन्य पुरातन परती
(vi) स्थायी चारागाहें तथा अन्य गोचर भूमि
(vii) गैर-कृषि प्रयोजनों के अंतर्गत क्षेत्र
(जैसे- इमारतें, सड़कें आदि)
(viii) विविध वृक्षों, वृक्ष फसलों तथा उपवनों के अंतर्गत क्षेत्र
(ix) शुद्ध (निवल बोया गया क्षेत्र)
22.55
6.30
1.10
7.30
3.81
3.42
7.93


1.08

43.40
  वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण वृद्धि नहीं हो पायी है, इसका मुख्य कारण बड़े पैमाने पर वनों की कटाई होना है।


(ii) प्रौद्योगिक और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग कैसे हुआ है?

उत्तरः (i) उद्योगों की स्थापना के परिणामस्वरूप अधिक उत्पादन होता है जिसके लिए अधिक कच्चे माल की आवश्यकता होती है।

(ii) आर्थिक विकास से लोगों की आय में वृद्धि होने से भी अधिक मात्रा में उत्पादों की जरूरत पड़ती है।
इस प्रकार संसाधनों का अधिक प्रयोग होता है। यहाँ करना अति आवश्यक है कि संसाधनों के अधिक
उपयोग से अनवीकरणीय संसाधनों की जैसे- पेट्रोल,
डीजल, गैस आदि के जल्द समाप्त होने की संभावना
बन गई है। यह एक चिन्ता का विषय है।

24 Comments

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