CBSE Class 8 Sanskrit Chapter 3 डिजीभारतम् Hindi Translation 2022
इन्टरनेट के माध्यम से किसी भी विषय की जानकारी सरलता से प्राप्त की जा सकती है। केवल एक प्रयास के द्वारा ज्ञान के विभिन्न आयामों को स्पर्श किया जा सकता है। इन्टरनेट ज्ञान का वह सागर है, जिसमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म जीवों से लेकर मानव जैसे अतिविकसित प्राणियों तक का ज्ञान सहज प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त राजनीति, व्यापार, चिकित्साशास्त्र, रसायनशास्त्र, लोक व लोकेतर संसार का ज्ञान आदि के विषय में वैज्ञानिक चरमोत्कर्ष तक की सूचना प्राप्त की जा सकती है। प्रस्तुत पाठ ‘डिजिटल इण्डिया’ के मूलभाव को लेकर लिखा गया निबन्ध है। इस पाठ के माध्यम से वैज्ञानिक प्रगति के अनेकों आयामों को स्पर्श किया गया है। आज इन्टरनेट ने हमारे जीवन को अत्यधिक सुगम बना दिया है।
CBSE Class 8 Sanskrit Chapter 3 डिजीभारतम् Hindi Translation |
डिजीभारतम् Summary Notes Class 8 Sanskrit Chapter 3
1. अद्य सम्पूर्णविश्वे “डिजिटलइण्डिया” इत्यस्य चर्चा श्रूयते। अस्य पदस्य कः भावः इति मनसि जिज्ञासा उत्पद्यते। कालपरिवर्तनेन सह मानवस्य आवश्यकताऽपि परिवर्तते। प्राचीनकाले ज्ञानस्य आदान-प्रदानं मौखिकम् आसीत्, विद्या च श्रुतिपरम्परया गृह्यते स्म। अनन्तरं तालपत्रोपरि भोजपत्रोपरि च लेखनकार्यम् आरब्धम्। परवर्तिनि काले कर्गदस्य लेखन्याः च आविष्कारेण सर्वेषामेव मनोगतानां भावानां कर्गदोपरि लेखनं प्रारब्धम्।
शब्दार्थ – अद्य – आज। सम्पूर्णविश्वे – संपूर्ण संसार में । डिजिटलइण्डिया – डिजिटलइण्डिया। इत्यस्य – इसकी। चर्चा – चर्चा। श्रूयते – सुनी जाती है। अस्य – इस। पदस्य – पद का। कः – क्या। भावः – अर्थ। इति – यह। मनसि – मन में। जिज्ञासा – जानने की इच्छा। उत्पद्यते – उत्पन्न होती है। कालपरिवर्तनेन – समय परिवर्तन के। सह – साथ साथ। मानवस्य – मानव की। आवश्यकताऽपि – आवश्यकता भी। परिवर्तते – बदलती है। प्राचीनकाले – प्राचीन समय में। ज्ञानस्य – ज्ञान का। आदान-प्रदानं – आदान प्रदान। मौखिकम् ,- मौखिक। आसीत् – था। विद्या – पढाई। च – और। श्रुतिपरम्परया – सुनकर सीखने की परंपरा द्वारा। गृह्यते स्म – ग्रहण की जाती थी। अनन्तरं – बाद में। तालपत्रोपरि – ताल पत्र के ऊपर। भोजपत्रोपरि – भोजपत्र के ऊपर। लेखनकार्यम् – लिखने का कार्य। आरब्धम् – आरंभ हुआ। परवर्तिनि काले – समय परिवर्तन के साथ साथ। कर्गदस्य – कागज के। लेखन्याः – कलम। आविष्कारेण – आविष्कार से। सर्वेषामेव – सभी। मनोगतानां – मन में छुपे। भावानां – भावों का। कर्गदोपरि – कागज पर। लेखनं – लेखन। प्रारब्धम् – प्रारंभ हुआ।
Hindi Translation– आज पूरी दुनिया में ‘डिजिटलइंडिया’ इसकी चर्चा सुनी जाती है। इस पद का क्या अर्थ है यह जानने की इच्छा मन में उत्पन्न होती है। समय परिवर्तन के साथ साथ मानव की आवश्यकता भी बदलती है। प्राचीन काल में ज्ञान का आदान-प्रदान मौखिक था और पढ़ाई सुनकर सीखने की परंपरा द्वारा ग्रहण की जाती थी। बाद में ताल पत्र के ऊपर, भोजपत्र के ऊपर लिखने का कार्य आरंभ हुआ। समय परिवर्तन के साथ साथ कागज और कलम के आविष्कार से मन में छुपे सभी भावों का कागज पर लेखन प्रारंभ हुआ।
2. टङ्कणयन्त्रस्य आविष्कारेण तु लिखिता सामग्री टङ्किता सती बहुकालाय सुरक्षिता अतिष्ठत्। वैज्ञानिकप्रविधेः प्रगतियात्रा पुनरपि अग्रे गता। अद्य सर्वाणि कार्याणि सङ्गणकनामकेन यन्त्रेण साधितानि भवन्ति। समाचार-पत्राणि, पुस्तकानि च कम्प्यूटरमाध्यमेन पठ्यन्ते लिख्यन्ते च। कर्गदोद्योगे वृक्षाणाम् उपयोगेन वृक्षाः कर्त्यन्ते स्म, परम् सङ्गणकस्य अधिकाधिक प्रयोगेण वृक्षाणां कर्तने न्यूनता भविष्यति इति विश्वासः। – अनेन पर्यावरणसुरक्षायाः दिशि महान् उपकारो भविष्यति ।
शब्दार्थ – – टङ्कणयन्त्रस्य – टाइपराइटर के। आविष्कारेण – आविष्कार से। तु – तो। लिखिता – लिखित। सामग्री – सामग्री। टङ्किता सती – टाइप होने पर / छपाई होने पर। बहुकालाय – लंबे समय तक। सुरक्षिता – सुरक्षित। अतिष्ठत् – रहने लगी। वैज्ञानिकप्रविधेः – वैज्ञानिक तकनीक की। प्रगतियात्रा – प्रगति की यात्रा। पुनरपि – और भी। अग्रे – आगे। गता – गई। अद्य – आज। सर्वाणि – सभी। कार्याणि – कार्य। सङ्गणकनामकेन – कंप्यूटर नामक। यन्त्रेण – मशीन से। साधितानि – किए जाते। भवन्ति – है। समाचार-पत्राणि – समाचार पत्र। पुस्तकानि – पुस्तकें। कम्प्यूटरमाध्यमेन – कंप्यूटर के माध्यम से। पठ्यन्ते – पढ़ी जाती हैं। लिख्यन्ते – लिखी जाती हैं। कर्गदोद्योगे – कागज के उद्योग में। वृक्षाणाम् – वृक्षों के। उपयोगेन – उपयोग से। वृक्षाः – वृक्ष। कर्त्यन्ते – काटे जाते थे। परम् – परंतु।
Hindi Translation– टाइपराइटर का आविष्कार से तो लिखित सामग्री टाइप होने पर लंबे समय तक सुरक्षित रहने लगी। वैज्ञानिक तकनीक की प्रगति की यात्रा और भी आगे गई। आज सभी कार्य कंप्यूटर नामक मशीन से किए जाते हैं। समाचार पत्र, पुस्तकें कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ी और लिखी जाती हैं। कागज के उद्योग में वृक्षों के उपयोग से वृक्ष काटे जाते थे परंतु कंप्यूटर के बहुत अधिक प्रयोग से वृक्षों की कटाई में कमी आएगी, ऐसा विश्वास है। इसके द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में एक महान उपकार होगा।
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3. अधुना आपणे वस्तुक्रयार्थम् रूप्यकाणाम् अनिवार्यता नास्ति। “डेबिट कार्ड”, “क्रेडिट कार्ड” इत्यादयः सर्वत्र रूप्यकाणां स्थानं गृहीतवन्तः। वित्तकोशस्य (बैंकस्य) चापि सर्वाणि कार्याणि सङ्गणकयन्त्रेण सम्पाद्यन्ते । बहुविधा: अनुप्रयोगा: (APP) मुद्राहीनाय विनिमयाय (Cashless Transaction) सहायकाः सन्ति ।
शब्दार्थ – अधुना – इस समय। आपणे – बाजार में। वस्तुक्रयार्थम् – वस्तुएं खरीदने के लिए। रूप्यकाणाम् – रुपयों की। अनिवार्यता – आवश्यकता। नास्ति – नहीं है। इत्यादयः – इत्यादि। सर्वत्र – सभी जगह। रूप्यकाणां – रुपयों का। स्थानं – स्थान। गृहीतवन्तः – ग्रहण कर लिया है। वित्तकोशस्य – बैंक के। बैंकस्य – बैंक। चापि – और। सर्वाणि – सभी। कार्याणि – कार्य। सङ्गणकयन्त्रेण – कंप्यूटर से। सम्पाद्यन्ते – संपन्न होते हैं। बहुविधा: – अनेक प्रकार के।
Translation in Hindi – इस समय बाजार में वस्तुएं खरीदने के लिए रुपयों की आवश्यकता नहीं है। ‘डेबिट कार्ड’ ‘ क्रेडिट कार्ड’ इत्यादि सभी ने जगह रुपयों का स्थान ग्रहण कर लिया है और बैंक के सभी कार्य कंप्यूटर से ही संपन्न होते हैं। अनेक प्रकार के अनुप्रयोग (mobile apps) कैशलेस ट्रांजैक्शन में सहायक हैं।
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4. कुत्रापि यात्रा करणीया भवेत् रेलयानयात्रापत्रस्य, वायुयानयात्रापत्रस्य अनिवार्यता अद्य नास्ति। सर्वाणि पत्राणि अस्माकं चलदूरभाषयन्त्रे ‘ई-मेल’ इति स्थाने सुरक्षित भवन्ति यानि सन्दर्श्य वयं सौकर्येण यात्रायाः आनन्दं गृह्णीम:। चिकित्सालयेऽपि उपचारार्थ रूप्यकाणाम् आवश्यकताद्य नानुभूयते । सर्वत्र कार्डमाध्यमेन, ई-बैंकमाध्यमेन शुल्कं प्रदातुं शक्यते।
शब्दार्थ – कुत्रापि – कही भी। यात्रा – यात्रा। करणीया – करनी। भवेत् – हो। रेलयानयात्रापत्रस्य – रेल टिकट की। वायुयानयात्रापत्रस्य – हवाई जहाज की टिकट की। अनिवार्यता – आवश्यकता। अद्य – आज। नास्ति – नहीं पड़ती। सर्वाणि – सब तरह के। पत्राणि – पत्र। अस्माकं – हमारे। चलदूरभाषयन्त्रे – मोबाइल। स्थाने – स्थान में। भवन्ति – होते हैं। यानि – जिन्हें। सन्दर्श्य – दिखाकर। वयं – हम सब। सौकर्येण – आसानी से। यात्रायाः – यात्रा का। आनन्दं – आनंद। गृह्णीम: – ग्रहण करते हैं। चिकित्सालयेऽपि – चिकित्सालय में भी। उपचारार्थ – उपचार के लिए। रूप्यकाणाम् – रुपयों की। आवश्यकताद्य – आवश्यकता। नानुभूयते – महसूस नहीं होती है। सर्वत्र – सभी जगह।
Translation in Hindi – कहीं भी यात्रा करनी हो, रेल टिकट और हवाई जहाज की टिकट की आवश्यकता आज नहीं पड़ती। सब तरह के पत्र हमारे मोबाइल फोन में ‘ई-मेल’ में सुरक्षित होते हैं। जिन्हें दिखाकर हम सब आसानी से यात्रा का आनंद ग्रहण कर सकते हैं। चिकित्सालय में भी उपचार के लिए रुपयों की आवश्यकता महसूस नहीं होती है। सभी जगह कार्ड के द्वारा, ई बैंकिंग के माध्यम से फीस दे सकते हैं।
5. तद्दिनं नातिदूरम् यदा वयम् हस्ते एकमात्रं चलदूरभाषयन्त्रमादाय सर्वाणि कार्याणि साधयितुं समर्थाः भविष्यामः । वस्त्रपुटके रूप्यकाणाम् आवश्यकता न भविष्यति। ‘पासबुक’ चैकबुक’ इत्यनयोः आवश्यकता न भविष्यति। पठनार्थं पुस्तकानां समाचारपत्राणाम् अनिवार्यता समाप्तप्राया भविष्यति।
शब्दार्थ – तद्दिनं – वह दिन। नातिदूरम् – अधिक दूर नहीं है। यदा – जब। वयम् – हम। हस्ते – हाथ में। एकमात्रं – केवल। चलदूरभाषयन्त्रमादाय – मोबाइल लेकर। सर्वाणि – सभी। कार्याणि – कार्य। साधयितुं – करने में। समर्थाः – समर्थ। भविष्यामः – होंगे। वस्त्रपुटके – जेब में। रूप्यकाणाम् – रुपयों की। आवश्यकता – आवश्यकता। न – नहीं। भविष्यति – होगी। इत्यनयोः – इन दोनों की। पठनार्थं – पढ़ने के लिए। पुस्तकानां – पुस्तकों की।
Translation in Hindi – वह दिन अधिक दूर नहीं है जब हम हाथ में केवल मोबाइल फोन लेकर सभी कार्य करने में समर्थ होंगे। जेब में रुपयों की आवश्यकता नहीं होगी। पासबुक और चेक बुक, इन दोनों की आवश्यकता नहीं होगी। पढ़ने के लिए पुस्तकों की और समाचार पत्रों की जरूरत लगभग समाप्त हो जाएगी।
6. लेखनार्थम् अभ्यासपुस्तिकायाः कर्गदस्य वा, नूतनज्ञानान्वेषणार्थं शब्दकोशस्याऽपि आवश्यकता न भविष्यति। अपरिचित मार्गस्य ज्ञानार्थं मार्गदर्शकस्य मानचित्रस्य आवश्यकतायाः अनुभूतिः अपि न भविष्यति। एतत् सर्वं एकेनेव यन्त्रेण कर्तुं, शक्यते । शाकादिक्रयार्थम् फलक्रयार्थम्, विश्रामगृहेषु कक्षं सुनिश्चितं कर्तुं, चिकित्सालये शुल्क प्रदातुम्, विद्यालये महाविद्यालये चापि शुल्कं प्रदातुम्, किं बहुना दानमपि दातुं चलदूरभाषयन्त्रमेव अलम्। डिजीभारतम् इति अस्यां दिशि वयं भारतीयाः द्रुतगत्या अग्रेसरामः।
शब्दार्थ – लेखनार्थम् – लिखने के लिए। अभ्यासपुस्तिकायाः – अभ्यास पुस्तिका की। कर्गदस्य – कागज की। वा – या। नूतनज्ञानान्वेषणार्थं – नई जानकारी की खोज के लिए। शब्दकोशस्याऽपि – शब्दकोश की। अपरिचित – अनजान। मार्गस्य – रास्ते में। ज्ञानार्थं – ज्ञान के लिए। मार्गदर्शकस्य – मार्गदर्शक की। मानचित्रस्य – मानचित्र की। आवश्यकतायाः – जरूरत। अनुभूतिः – महसूस। अपि – भी। एतत् – यह। सर्वं – सब। एकेनेव – एक ही। यन्त्रेण – मशीन से। कर्तुं शक्यते – कर सकते हैं। शाकादिक्रयार्थम् – सब्जी खरीदने के लिए। फलक्रयार्थम् – फल खरीदने के लिए। विश्रामगृहेषु – विश्राम घरो में। कक्षं – कमरा। सुनिश्चितं – सुनिश्चित। कर्तुं – करने के लिए। चिकित्सालये – चिकित्सालय में। शुल्कं – फीस। प्रदातुम् – देने के लिए। विद्यालये – विद्यालय। महाविद्यालये – महाविद्यालय। चापि – भी। किं बहुना – और तो और। दानमपि दातुं – दान देने के लिए भी। चलदूरभाषयन्त्रमेव – मोबाइल ही। अलम् – पर्याप्त है। डिजीभारतम् – डिजिटल इंडिया। अस्यां – इस। दिशि – दिशा में। वयं – हम सब। भारतीयाः – भारतीय। द्रुतगत्या – तीव्र गति से। अग्रेसरामः – आगे बढ़ रहे हैं।
Translation in Hindi – लिखने के लिए अभ्यास पुस्तिका की या कागज की, नयी जानकारी की खोज के लिए शब्दकोश की आवश्यकता नहीं होगी। अनजान रास्ते में ज्ञान के लिए मार्गदर्शक की और मानचित्र की जरूरत महसूस नहीं होगी। यह सब एक ही मशीन से किया जा सकता है। सब्जी खरीदने के लिए, फल खरीदने के लिए और विश्राम घर मैं कमरा सुनिश्चित करने के लिए, चिकित्सालय में फीस देने के लिए, विद्यालय या महाविद्यालय में भी फीस देने के लिए, और तो और दान देने के लिए भी मोबाइल ही पर्याप्त है। ‘डिजिटल इंडिया’ इस दिशा में हम सब भारतीय तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं।
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