Class 10 Social Science Hindi medium Notes Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन 

Class 10 Social Science Hindi medium Notes Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन is a short note to revise and prepare for the exams. Class 10 Social science hindi medium notes are very useful to the students for quick revision for class 10 board examinations. Class 10 Social Science Hindi medium Notes Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन PDF is also available in the bottom of this post. Students can revise the topics easily in less time and get prepared for the exams better. Class 10 is very important for every student as they will appear for the board exams and students want to score good marks in each subject. So, study each chapter of class 10 social science and revise from notes. Revise as much as you can , it will help in the exams. 

Class 10 Social science hindi medium notes PDF is available at the bottom of this post. Class 10 Social science notes hindi medium chapter 2 posted here. students should revise these notes regularly so that they can remember the facts and concepts that may be asked in the exams. Many questions are based on the facts from geography book chapters. Revision notes help students to be prepared for the exams in less time.

Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन




  • प्राकृतिक वनस्पति का अर्थ है प्राकृतिक रूप से स्वयं उगने व पनपने वाले पादप समूह वन, घास, भूमि आदि इसके प्रकार हैं। इसे अक्षत वनस्पति के रूप में भी जाना जाता है। रोपित वनस्पति मनुष्यों के द्वारा वृक्षारोपण। वन्यजीवन-वन जीव जोकि अपने प्राकृतिक पर्यावण में रहते हैं। घरेलू या पालतू जीव-मानव के साथ रहने व उपयोग में लाये जाने वाले पशु।

  • वनस्पति जात (फ्लोरा) - किसी क्षेत्र या काल विशेष के पादप।

  • प्राणिजात (फोना) - जंतुओं की प्रजातियां।

  • पारितंत्र (पारिस्थितिकी तंत्र) - किसी क्षेत्र के पादप और जंतु अपने भौतिक पर्यावरण में एक-दूसरे पर निर्भर व परस्पर जुड़े हुए होते हैं। यही एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है। मानव भी इस तंत्र का एक प्रमुख भाग

  • राष्ट्रीय प्राणी उद्यान-वन्य जंतुओं व पक्षियों के लिए आरक्षित स्थान।

  • वन्य जीव अभयारण्य-राष्ट्रीय वन जहां वन्य जीवों (पशु-पक्षियों) के अवैध शिकार पर प्रतिबंध है।

  • भारत अपने वनस्पति जात (फ्लोरा) में अति समृद्ध है। भारत में लगभग 47000 पादप प्रजातियां तथा लगभग 15,000 पुष्प प्रजातियां स्थानिक (स्वदेशी) हैं। भारत अपने प्राणिजात (फोना) में भी अति समृद्ध है। यहां 81000 से अधिक प्राणि/जंतु प्रजातियां है। यहां पक्षियों की 1200 से अधिक और स्थानिक पादप-अक्षत (प्राकृतिक) वनस्पति जो कि विशुद्ध रूप में भारतीय है। मछलियों की 2500 से अधिक प्रजातियां हैं। यहां लगभग 60,000- प्रजातियों के कीट-पतंग भी पाये जाते हैं।

  • जैव विविधता का अर्थ है आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए तथा परस्पर निर्भर पादपों और जंतुओं के विविध प्रकार ।



  • भारत में पांच प्रकार के वन पाये जाते हैं। ये हैं-उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, कंटीले वन, पर्वतीय वन और मैंग्रोव वन

  •  'प्रोजेक्ट टाईगर' विश्व की बेहतरीन वन्य जीव परियोजनाओं में से एक है। इसकी शुरूआत 1973 में हुई।

  • मानव पेड़ों को काटकर और जंतुओं के शिकार के द्वारा परिस्थितिक असंतुलन पैदा करता है।

  • भारतीय वन्यजीवन (रक्षण) अधिनियम 1972 में लागू किया गया और बाद में 1980, 1986 और 1991 में इसमें कुछ नए प्रावधान शामिल किए गये।  समुदाय ने भारत में वनों और वन्य जीवों के संरक्षण में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है और निभाते रहेंगे।

  • वनों और वन्य जीवन का विनाश मात्र जीव विज्ञान का विषय ही नहीं है। जैव संसाधनों का विनाश सांस्कृतिक विविधता के विनाश से जुड़ा हुआ है।

  • भारत में वनों को सबसे बड़ा नुकसान उपनिवेश काल में हुआ।

  • भारत में बड़े प्राणियों में से स्तनधारियों की 79 जातियां, पक्षियों की 44 जातियां, सरीसृपों की 15 जातियां और, जलस्थलचरों की 3 जातियां लुप्त होने का खतरा झेल रही हैं। लगभग 1500 पादप जातियों के भी लुप्त होने का खतरा बना हुआ है।

  • एशियाई चीता, इसके आवासीय क्षेत्र और शिकार की उपलब्धता कम होने से लगभग लुप्त हो चुका है।

  • टकसोल नामक रसायन जो कि हिमालन यव से निकाला जाता है, विश्व में सबसे अधिक बिकने वाली कैंसर औषधि है।

  • कुछ आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी, पर्यावरण निम्नीकरण का सीधा परिणाम होता है।

  • संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति केवल 28 वृक्ष हैं। जबकि कनाड़ा में यह संख्या 8953, रूस में 4461, अमेरिका में 716 और चीन में 102 है।

  • प्रत्येक पाँच वर्ष में हमारा पर्यावरण 1° सेल्सियस अधिक गर्म हो जाता एक अमेरिकी नागरिक का औसत संसाधन उपभोग एक सोमाली नागरिक के औसत उपभोग से 40 गुना ज्यादा है।

  • निकोबारी मेगापोड एक संकटग्रस्त पक्षी प्रजाति है।

  • यदि हम एक कक्षा पास करके अपनी पुस्तकें उस कक्षा में आने वाले विद्यार्थियों को दे दें तो हम वृक्ष बचा सकते हैं।








Class 10 Social Science Hindi medium Notes PDF Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधन


============================================

 🤖  @Studymates91_doubtBot (on telegram)


 📸 Take a photo of your question or type the question 📱

 

📤 Send it to the bot. 🤖

 

📃 Get the solution at the earliest. ⏳


📋 Solutions will be shared with you 👨‍🎓👩‍🎓


 🆓 It's free  No subscription No charges 💲


============================================



Post a Comment

Previous Post Next Post